tag:blogger.com,1999:blog-3454215158053020851.post740648244885404413..comments2023-10-12T08:03:00.002-07:00Comments on कुमार अम्बुज: धर्म एक अंधविश्वास हैकुमार अम्बुजhttp://www.blogger.com/profile/02635510768553914710noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-3454215158053020851.post-53080416916706410392009-10-24T05:28:43.973-07:002009-10-24T05:28:43.973-07:00काफ़ी देर से आ पाया।
धर्म को लेकर आमतौर पर वामपंथी ...काफ़ी देर से आ पाया।<br />धर्म को लेकर आमतौर पर वामपंथी खेमे में भी चुप रहना बेहतर माना जाता है। आपने वसुधा में चली बहस में हस्तक्षेप किया था…पर उस पर भी अपेक्षित बातचीत नहीं हो पायी थी (हालांकि मैने एक विस्तृत प्रतिक्रिया लिखी थी पर पता नहींक्यूं वह छपी नहीं)।<br />आपके विश्लेषण से मोटे तौर पर सहमत होते हुए बस इतना जोडना चाहूंगा कि धर्म जो एक सुरक्षा घेरा उपलब्ध कराता है उसका विकल्प ढूंढना बेहद ज़रूरी है। संगठन इस काम को कर सकता है, पर वह एक लंबे दौर का और मुश्किल काम है। माना जाता था कि ज्ञान-विज्ञान के प्रसार का अंध्विश्वासों और धार्मिक कर्मकाण्डों पर विपरीत असर होगा। पर ठीक-ठीक ऐसा हुआ नहीं। शायद अंधविश्वास के सामाजिक-सांस्कृतिक स्रोतों पर हमला किये बिना यह संभव नहीं।Ashok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3454215158053020851.post-57087269559570099452009-06-14T04:31:45.401-07:002009-06-14T04:31:45.401-07:00धर्म पर कार्ल मार्क्स के विचारों को आपने प्रयुक्त ...धर्म पर कार्ल मार्क्स के विचारों को आपने प्रयुक्त किया है। धर्म को लेकर मार्क्स की अवधारणा पर एक पोस्ट के माध्यम से प्रकाश डालें तो हमें काफी लाभ होगा। <br />आप अन्यथा न लें तो पूछना चाहुँगा कि मार्रकस के अलावा जिन स्कालरों ने धर्म पर काम किया है उनमें से आप किन-किन को धर्म के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं। यदि उनकी किताब विशेष को उल्लेखनीय पाएं तो उसका भी जिक्र करें।<br />इन प्रश्नों का जवाब देकर आप एक जिज्ञासु युवा की बड़ी मदद करेंगेRangnath Singhhttps://www.blogger.com/profile/01610478806395347189noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3454215158053020851.post-4109924907337408402009-06-11T12:02:26.920-07:002009-06-11T12:02:26.920-07:00जो बातें मनुष्य समझ नहीं सका उसने उन्हे धारण कर लि...जो बातें मनुष्य समझ नहीं सका उसने उन्हे धारण कर लिया और वह उसका धर्म कहलाया. विज्ञान मनुष्य के कर्म में शामिल है जो उसने करके देखा और अपने निष्कर्ष निकाले. अगर धर्म से ही सब सम्भव होता तो एरोप्लेन से लेकर मोबाइल तक् सारे आविष्कार ध्यानावस्था में ही हो जाते,मनुष्य को प्रयोग नही करने पडते .इस अन्धविश्वास से मनुष्य का मुक्त होना ज़रूरी है.शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3454215158053020851.post-253988495082456932009-06-11T11:04:51.467-07:002009-06-11T11:04:51.467-07:00जैसे जैसे ज्ञान का प्रकाश फैलता है, धर्म अपनी चादर...जैसे जैसे ज्ञान का प्रकाश फैलता है, धर्म अपनी चादर समेटता है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3454215158053020851.post-59036052035333396562009-06-11T08:21:11.712-07:002009-06-11T08:21:11.712-07:00विश्लेषण ज्ञानवर्धक था, शुक्रियाविश्लेषण ज्ञानवर्धक था, शुक्रियाVinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3454215158053020851.post-74748188460696284502009-06-11T05:20:24.410-07:002009-06-11T05:20:24.410-07:00अंबुज जी, मैं लगातार पढ़ रही हूं यह सीरीज. सचमुच स...अंबुज जी, मैं लगातार पढ़ रही हूं यह सीरीज. सचमुच सही समय पर सही काम करना इसी को कहते हैं. बहुत पहले इस संदर्भ में पहला लेख राजेन्द्र यादव का पढ़ा था, उनके संपादकीय में. तबसे कई सवाल, कई कन्फ्यूजन दिमाग में गाढ़े होने लगे. फिर गोरखपांडे को पढ़ा. फिर इक्का-दुक्का, लेख और पढ़े. हाल ही में स्त्री और धर्म को लेकर भी मैंने काफी पढ़ा और कुछ काम किया है. बहरहाल, मेरे काफी कन्फ्यूजन्स दूर हुए हैं आपके इन लेखों से. इन्हें प्रिंटआउट्स के रूप में अपने पास सुरक्षित रख रही हूं. आपका शुक्रिया!Pratibha Katiyarhttps://www.blogger.com/profile/08473885510258914197noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3454215158053020851.post-74792601021187414142009-06-11T04:37:38.256-07:002009-06-11T04:37:38.256-07:00vaigyanik soch se chizon ko dekhne ka yah nazariya...vaigyanik soch se chizon ko dekhne ka yah nazariya bahut zaroori hai.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3454215158053020851.post-1995601120377761912009-06-10T23:41:43.635-07:002009-06-10T23:41:43.635-07:00मेरे लिए कुछ चीजें साफ थीं, कुछ साफ हो रही हैं और ...मेरे लिए कुछ चीजें साफ थीं, कुछ साफ हो रही हैं और कुछ चीजें साफ हो रही हैं। <br />शुक्रिया।ravindra vyashttps://www.blogger.com/profile/14064584813872136888noreply@blogger.com