गद्य के कुछ नमूने
1 ईश्वर रेडियम, ईथर अथवा कोई वैज्ञानिक योग है। ईश्वर एक रासायनिक प्रतिक्रिया है।
2 आप यह बता सकते हैं कि आपने क्या स्वप्न देखा और तोते ने क्या कहा क्योंकि पक्षी एक अयोग्य गवाह है।
3 उनके चेहरे पत्थरों पर नमक से बने चेहरों के समान थे।
4 न्यूयॉर्क किसी के भी लिए इतने प्रलोभन पैदा कर देता है कि कोई भी अपव्ययी हो जाता है।
5 मैं कपड़ों में आश्चर्यजनक सौदेबाजी और सुई-धागे से किया गया चमत्कार देखता आया हूं।
6 उसने चटखे हुए दर्पण में स्वयं को देखा। प्रतिबिम्ब संतोषजनक था।
7 जीवन अपने रहस्यमय घूंघट का एक कोना उसके लिए उठाने जा रहा था ताकि वह इसके आश्चर्य देख सके।
8 वह ऐसा दिखता था मानो एक रहस्यमय दुख में हो और उसकी शानदार मूंछें एक स्वप्न की तरह थीं।
9 वह उसे ऐसे देखता रहा जैसे रेगिस्तान में स्थित स्फिंक्स की मूर्ति तितली को देखती, यदि रेगिस्तान में तितलियां होतीं।
गद्य के ये नौ बिंदुओं में उदाहरण, ये कुछ वाक्य ओ हेनरी की एक कहानी में से चुने गए हैं।
कभी 'एक अधूरी कहानी' पढ़ते हुए मुझे ये वाक्य गद्य के अविस्मरणीय नमूनों की तरह लगे थे और उन्हें मैंने डायरी में लिख लिया था, यह सोचकर कि इन सब पर, पृथक पृथक कहानियां या कविताएं लिखूंगा। संदर्भित कहानी के शीर्षक की तरह मेरे लिए यह बात अभी अधूरी ही है। लेकिन इनको यहां पढने का सुख तो सब तक पहुंचाया ही जा सकता है।
1 ईश्वर रेडियम, ईथर अथवा कोई वैज्ञानिक योग है। ईश्वर एक रासायनिक प्रतिक्रिया है।
2 आप यह बता सकते हैं कि आपने क्या स्वप्न देखा और तोते ने क्या कहा क्योंकि पक्षी एक अयोग्य गवाह है।
3 उनके चेहरे पत्थरों पर नमक से बने चेहरों के समान थे।
4 न्यूयॉर्क किसी के भी लिए इतने प्रलोभन पैदा कर देता है कि कोई भी अपव्ययी हो जाता है।
5 मैं कपड़ों में आश्चर्यजनक सौदेबाजी और सुई-धागे से किया गया चमत्कार देखता आया हूं।
6 उसने चटखे हुए दर्पण में स्वयं को देखा। प्रतिबिम्ब संतोषजनक था।
7 जीवन अपने रहस्यमय घूंघट का एक कोना उसके लिए उठाने जा रहा था ताकि वह इसके आश्चर्य देख सके।
8 वह ऐसा दिखता था मानो एक रहस्यमय दुख में हो और उसकी शानदार मूंछें एक स्वप्न की तरह थीं।
9 वह उसे ऐसे देखता रहा जैसे रेगिस्तान में स्थित स्फिंक्स की मूर्ति तितली को देखती, यदि रेगिस्तान में तितलियां होतीं।
गद्य के ये नौ बिंदुओं में उदाहरण, ये कुछ वाक्य ओ हेनरी की एक कहानी में से चुने गए हैं।
कभी 'एक अधूरी कहानी' पढ़ते हुए मुझे ये वाक्य गद्य के अविस्मरणीय नमूनों की तरह लगे थे और उन्हें मैंने डायरी में लिख लिया था, यह सोचकर कि इन सब पर, पृथक पृथक कहानियां या कविताएं लिखूंगा। संदर्भित कहानी के शीर्षक की तरह मेरे लिए यह बात अभी अधूरी ही है। लेकिन इनको यहां पढने का सुख तो सब तक पहुंचाया ही जा सकता है।