अग्रज कवि नरेन्द्र जैन बहुत अच्छे अनुवादक भी हैं।
यूनानी कवि यानिस रित्सोस की एक कविता यहॉं दी जा रही है।
यूनानी कवि यानिस रित्सोस की एक कविता यहॉं दी जा रही है।
यह 'समय के साखी' पत्रिका के ताजा अंक में उनके द्वारा अनूदित अन्य कुछ कविताओं के साथ प्रकाशित है।
सिर्फ़ एक चीज़
तुम्हें पता है, मृत्यु का कोई
अस्तित्व नहीं होता
उसने कहा यही, स्त्री से
मैं जानती हूँ हॉं, चूँकि मैं
मृत्यु को हो चुकी हूँ प्राप्त
स्त्री ने जवाब दिया
तुम्हारी दो कमीजों पर
की जा चुकी है इस्तरी और वे
दराज़ में रखी हैं
सिर्फ़ एक चीज़ जो मुझसे छूट गई है
वह एक गुलाब है तुम्हारे वास्ते।
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