| अकेले
का विरोध |
तुम्हारी
नींद की निश्चिंतता में
वह एक कंकड़ है
एक छोटा-सा विचार
तुम्हारी चमकदार भाषा में एक शब्द
जिस पर तुम हकलाते हो
वह एक कंकड़ है
एक छोटा-सा विचार
तुम्हारी चमकदार भाषा में एक शब्द
जिस पर तुम हकलाते हो
तुम्हारे रास्ते में एक गड्ढा है
तुम्हारी तेज़ रफ़्तार के लिए दहशत
तुम्हें विचलित करता हुआ
वह इसी विराट जनसमूह में है
तुम्हारी तेज़ रफ़्तार के लिए दहशत
तुम्हें विचलित करता हुआ
वह इसी विराट जनसमूह में है
तुम
उसे नाकुछ कहते हो
इस तरह तुम उस पर ध्यान देते हो
इस तरह तुम उस पर ध्यान देते हो
तुमने
सितारों को जीत लिया है
आभूषणों, गुलामों, मूर्तियों
और खण्डहरों को जीत लिया है
तब यह छोटी-सी बात उल्लेखनीय है
कि अभी एक आदमी है जो तुम्हारे लिए खटका है
जो अकेला है लेकिन तुम्हारे विरोध में है
आभूषणों, गुलामों, मूर्तियों
और खण्डहरों को जीत लिया है
तब यह छोटी-सी बात उल्लेखनीय है
कि अभी एक आदमी है जो तुम्हारे लिए खटका है
जो अकेला है लेकिन तुम्हारे विरोध में है
तुम्हारे
लिए यह इतना जानलेवा है
इतना
भयानक कि एक दिन तुम उसे
मार डालने का विचार करते हो
लेकिन वह तो कंकड़ है, गड्ढा है
एक शब्द है, लोककथा है, परंपरा है।
मार डालने का विचार करते हो
लेकिन वह तो कंकड़ है, गड्ढा है
एक शब्द है, लोककथा है, परंपरा है।
(कविता संग्रह - "अमीरी
रेखा" से)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें